एसडीएम ड़िबाई की सख्ती बनी आतंक का पर्याय सड़क से अतिक्रमण हटाने के नाम पर जमकर चलाया डंडा


शिकारपुर : ड़िबाई लॉक डाउन तीन के अनुपालन में जहां एक और शासन प्रशासन बाजारों तथा फैक्ट्रियों को सुचारू रूप से पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं तो वही कुछ सक्षम अधिकारी उन्हीं व्यापारियों के साथ अत्यधिक सख्ती से पेश आ रहे हैं मामला है ड़िबाई नगर का जहां पिछले लगभग 50 दिन से लॉक डाउन की मार झेल रहे व्यापारियों पर आर्थिक रूप से मार पड़ रही है तो वही उन्हीं व्यापारियों को किसी न किसी तरीके से पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ रही हैं ज्ञात हो कि पिछले दिवसों में एसडीएम ड़िबाई संजय कुमार, ने बाजार में गश्त की थी जिसमें उन्होंने पाया कि कुछ लोगों ने अपनी दुकानों को सड़क की ओर आगे बढ़ा रखा था जिसके चलते लोगों ने सड़कों पर बैचं आदि डाल रखी थी इसके अलावा कुछ फड़ लगाने वाले छोटे दुकानदार बंद दुकानों के आगे छोटा-मोटा सामान लगा कर अपनी जीविका चलाने का प्रयास कर रहे थे जो कि निसंदेह प्रशासनिक रूप से अतिक्रमण ही था। परंतु भूखें मरने की नौबत आने पर चंद स्वाभिमानी व्यापारियों ने अपना छोटा-मोटा सामान बेचने का प्रयास किया जिसके प्रत्युत्तर में एसडीएम तथा उनकी पुलिस टीम में ना सिर्फ उन लोगों पर लाठियां भांजी बल्कि कुछ दुकानदारों का सामान उठाकर नाले में फेंक दिया इसको लेकर व्यापारियों ने एक मीटिंग प्रशासन के साथ करनी चाही तो वहा भी व्यापारियों को कोई सांत्वना या संतुष्टि भरा प्रति उत्तर  नहीं दिया गया बल्कि अगले दिन से शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया और उसमें दुकानदारों की बेंच तथा उनका सामान आदि भरकर नगरपालिका परिसर में भिजवा दिया गया ऐसा ही कुछ नजारा मंगलवार को भी बाजारों में देखने को मिला जिसमें कर्णवास रोड़ पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाते हुए एसडीएम संजय सिंह, तथा उनके अधीनस्थों ने जमकर लाठियां भांजी इसी बीच मीडिया कर्मियों ने जब इस अभियान की कवरेज करनी चाही तो ड़िबाई एसडीएम संजय सिंह, क्रोध में आ गए और मीडिया कर्मियों का मोबाइल छीन कर न सिर्फ उनको अपमानित किया बल्कि उनका मोबाइल भी चेक करके देखा गया कि नहीं उनके इस आतंकी रवैया को तीसरी आंख में कही अपने फोन में कैद तो नहीं कर लिया जहां फोन से सभी फोटो वीडियो एसडीएम संजय सिंह, ने काट दिए एक और योगी सरकार मीडिया कर्मियों तथा व्यापारियों के प्रति काशी संजीदा और जिम्मेदार नजर आती है तो वहीं ऐसे अधिकारियों के विषय में प्रशासन क्या नजरिया रखता है ।