पुरी के जगन्नाथ मंदिर के 545 करोड़ भी जमा हैं यस बैंक में रिजर्व बैंक ने बढ़ाई पुजारी और भक्तों की चिंता
लखनऊ/नई दिल्ली/पुरी, यस बैंक में आम आदमी के साथ-साथ पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के भी पैसे फंस गए हैं। आरबीआई के नए आदेश के बाद भक्त और पुजारी दोनों चिंतिंत हैं। यस बैंक की एक शाखा में भगवान जगन्नाथ के नाम से खुले अकाउंट में 545 करोड़ रुपए जमा हैं। इस बीच यस बैंक के फाउंडर संस्थापक राणा कपूर के घर ईडी ने छापा डालकर मनी लांड्रिंग से जुड़े सबूतों की तलाश की। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बैंक के संस्थापक/पूर्व सीईओ राणा कपूर के मुंबई के वर्ली स्थित घर पर छापा मारा है। ईडी की टीम ने रात भर राणा कपूर से पूछताछ की। खबर लिखे जाने तक भी ईडी की टीम मनी लांड्रिंग से जुड़े सबूतों की तलाश में दस्तावेजों को खंगाल रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग करने के साथ ही जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपए की निकासी की सीमा तय कर दी। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है। रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया है।
आरबीआई ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। निदेशक मंडल पिछले छह माह से बैंक के लिए जरूरी पूंजी जुटाने में विफल रहा।भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है।
निर्मला सीतारमण ने दिया भरोसा
इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के खाताधारकों को भरोसा दिया है कि उनका पैसा नहीं डूबेगा। उन्होने कहा कि यस बैंक के मुद्दे को रिजर्व बैंक और सरकार विस्तृत तौर पर देख रहे हैं, हमने वह रास्ता अपनाया है जो सबके हित में होगा।
‘ग्राहकों का नहीं डूबेगा पैसा’
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने भी यस बैंक के ग्राहकों के हितों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि बैंक के जमाकर्ताओं का धन सुरक्षित है और बैंक के पुनर्गठन के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
स्टेट बैंक हिस्सेदारी खरीदेगा
यस बैंक प्रकरण को लेकर अब एक बड़ी खबर आ रही है। स्टेट बैंक ने यस बैंक की 49 फीसदी खरीदने की मंजूरी दे दी है। स्टेट बैंक की लीगल टीम इस योजना पर काम करने में जुट गई है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिदास कांत ने कहा है कि 30 दिनों में राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होने बैंक के जमाकर्ताओं से कहा है कि कुछ समय दें, आरबीआई की पूरे मामले पर नजर है।