अब वह दिन दूर नहीं जब हम करतारपुर के बाद ननकाना साहिब जाने में सफल होंगे: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

( सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को यह देश और मानवता कभी विस्मृत नहीं कर सकती है। बाबर को जावर कहने का साहस गुरुनानक देव नें ही किया। थासिख गुरुओं के त्याग और बलिदान के कारण ही देश और धर्म आज जिंदा है ) 


लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरुनानक जी ने जिस पवित्र स्थल करतारपुर साहिब में अपना अंतिम समय व्ययतीत किया था, उस स्थान पर अब सभी श्रद्धालु जा पाएंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आपको बधाई देता हूं। वह दिन दूर नहीं होगा, जब ननकाना साहिब में भी हम सब जाने में सफल होंगे। मुख्यमंत्री योगी मंगलवार को ऐशबाग स्थित डीएवी कॉलेज के मैदान में आयोजित गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रकाशोत्सव की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को यह देश और मानवता कभी विस्मृत नहीं कर सकती है। आज से 550 वर्ष पहले जब देश विदेशी हमलों से जूझ रहा था, धर्म और सत्य नष्ट हो रहा था, उस कालखंड में गुरुनानक देव ने अपने दिव्य प्रकाश से अवलोकित करके मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबर के अत्याचारों से थर्रा रही इस धरती पर बाबर को जावर कहने का साहस किसी ने किया था, तो वह गुरुनानक देव थे। धर्म, सत्य और बहन बेटियों की इज्जत को लेकर जब एक बड़ा तबका भयभीत था। आक्रांत देश और धर्म की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए थे, उस कालखंड में गुरुनानक देव ने अपने ज्ञान के प्रकाश से समाज को एक नई दिशा दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख पंथ की जो नींव गुरु नानक देव ने रखी, उसी पर यह भव्य महल बन पाया, जिसका परिणाम रहा कि जब भी देश और धर्म पर खतरा आया, तो सिख गुरू कभी झुके नहीं और कभी पीछे नहीं हटे। भारत के इतिहास में सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान की पावन परम्परा को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है। जिसके प्रति हर भारतीय नत्मस्तक होकर कृतज्ञता ज्ञापित करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान के कारण ही देश और धर्म आज जिंदा है। उस योगदान के कारण देश और दुनिया के अंदर निवास करने वाले भारतवासी इस प्रकाशोत्सव के माध्यम से गुरुनानक देव को श्रद्धा और सम्मान ज्ञापित करते हैं। गुरुनानक जी ने तीन संदेश कीरत करो, नाम जपो और वंड छको दिया था। इन संदेशों में सम्पूर्ण मानवता का कल्याण समाहित है। गुरु नानक देव ने उस समय ज्ञान का प्रसार किया, जब इतने साधन नहीं हुआ करते थे। सिख समाज काम में विश्वास रखता है। सिमरन भी करता है।